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Digest #3402
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Wed Apr 30, 2014 12:39 am (PDT) . Posted by:
"goyaltc1" goyaltc1
महावीर स्वामी पेड़ के नीचे ध्यानमग्न बैठे थे। पेड़ पर आम लटक रहे
थे।
बच्चों ने आम तोड़ने के लिए पत्थर फेंके। कुछ पत्थर आम को लगे
और एक महावीर स्वामी को लगा।
बच्चों ने कहा - प्रभु! हमेंक्षमा करें, हमारे कारण आपको कष्ट हुआ
है।
प्रभु बोले - नहीं, मुझे कोई कष्ट नहीं हुआ।
बच्चों ने पूछा - तो फिर आपकी आंखों में आंसू क्यों?
महावीर ने कहा - पेड़ को तुमने पत्थर मारा तो इसने तुम्हें मीठे फल
दिए, पर मुझे पत्थर मारा तो मैं तुम्हें कुछ नहीं दे सका, इसलिए मैं
दुखी ह
ये चन्द पंक्तियाँ
जिसने भी लिखी है
खूब लिखी है
ग़लतियों से जुदा
तू भी नही,
मैं भी नही,
दोनो इंसान हैं,
खुदा तू भी नही,
मैं भी नही ... !
" तू मुझे ओर मैं तुझे
इल्ज़ाम देते हैं मगर,
अपने अंदर झाँकता
तू भी नही,
मैं भी नही " ... !!
" ग़लत फ़हमियों ने कर दी
दोनो मैं पैदा दूरियाँ,
वरना फितरत का बुरा
तू भी नही,
मैं भी नही...!!
एक पथ्थर सिर्फ एक बार मंदिर जाता है और भगवान बन जाता है ..
इंसान हर रोज़ मंदिर जाते है फिर भी पथ्थर ही रहते है ..!!
💯%✔
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